Abstract
प्रस्तुत शोध-पत्र निरपेक्ष अथवा ब्रह्म एवं ईश्वर के संप्रत्यय को व्यापक रूप से शंकराचार्य एवं ब्रैडले के दर्शन के संदर्भ में विवेचित करता है। भारतीय एवं पाश्चात्य जगत के मूर्धन्य विद्वानों विशेषकर शंकराचार्य एवं ब्रैडले के निरपेक्ष एवं ईश्वर संबंधी विचारों में निहित साम्यताओं एवं वैषम्यताओं का अनुशीलन करना, इस शोध-पत्र का मुख्य उद्देश्य है। इस हेतु शोध-पत्र के अंतर्गत सर्वप्रथम यह विमर्श किया गया है कि क्यों उक्त दोनों दार्शनिकों के संदर्भ में ही ब्रह्म एवं ईश्वर की अवधारणा का विवेचन किया गया है। द्वितीयतः, शंकराचार्य एवं ब्रैडले दोनों के सत् या निरपेक्ष संबंधी विचारों का विश्लेषण किया गया है। तृतीयतः, दोनों के दर्शन में सत् एवं ईश्वर के स्वरूप का विमर्श प्रस्तुत करते हुए तुलनात्मक अध्ययन किया गया है और अंत में उपरोक्त बिंदुओं का गहन मूल्यांकन करते हुए निष्कर्ष को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।